पटना में एक सरकारी अभियंता की करतूत ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार राय पर भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति का गंभीर आरोप लगा है। ये वही इंजीनियर हैं, जिन्होंने अपने घर में रखे लाखों रुपए के नोट जलाकर राख कर दिए—ताकि कोई सबूत न बचे।
🔥 सबूत मिटाने की ‘बारूदी रात’
पिछले महीने आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम जब पटना में अभियंता के घर छापा मारने पहुंची, तो वहां से धुएं की गंध आ रही थी। घर के पिछले हिस्से में जलाए गए नोटों के टुकड़े बिखरे पड़े थे, जबकि कई अधजले नोट पाइपलाइन और सीवर लाइन में फंसे मिले।
बताया जाता है कि छापे की भनक लगते ही अभियंता और उसकी पत्नी ने नोटों को आग के हवाले कर दिया। रातभर घर में जलने की बदबू फैलती रही — लेकिन अगली सुबह सच्चाई सामने आ गई।
💰 करोड़ों की अवैध संपत्ति का खुलासा
जांच में सामने आया कि अभियंता के पास उसकी आमदनी से कई गुना ज्यादा संपत्ति है।
- नकद के अलावा महंगे गहने, जमीनों के कागज और बैंक खातों में लाखों रुपए जमा मिले।
- एक नहीं, बल्कि कई शहरों में फ्लैट और प्लॉट होने की जानकारी मिली।
- परिवार के नाम पर फर्जी निवेश और शेल कंपनियों का भी शक जताया गया है।
EOU की जांच में यह भी सामने आया कि अभियंता ने अपने पद का दुरुपयोग कर निर्माण कार्यों में भारी कमीशन वसूला और पैसे को अलग-अलग माध्यमों से छिपाने की कोशिश की।
🚨 अब कानून का शिकंजा
आर्थिक अपराध इकाई ने अभियंता विनोद कुमार राय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। उनकी पत्नी बबली राय भी मामले में सह-अभियुक्त हैं और फरार चल रही हैं। अदालत में अब भ्रष्टाचार, सबूत मिटाने और सरकारी पद का दुरुपयोग जैसे गंभीर आरोपों पर सुनवाई होगी।
⚖️ जनता में गुस्सा, व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने आम लोगों में गुस्सा भर दिया है। जब जनता की सेवा के लिए बने अधिकारी ही भ्रष्टाचार की आग में नोट जलाने लगें, तो सिस्टम पर भरोसा कैसे रहे?
लोगों की मांग है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई हो और संपत्ति ज़ब्त कर जनता के हित में इस्तेमाल की जाए।
बिहार की राजधानी से उठी यह आग सिर्फ नोटों को नहीं, ईमानदारी के प्रतीक को भी झुलसा गई है। सवाल ये है — जब सरकारी कुर्सी ही लालच की आग में झुलस जाए, तो व्यवस्था को कौन बचाएगा?




