कनाडा सरकार ने भारत के कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को आधिकारिक रूप से आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध और प्रवासी समुदायों पर बढ़ते खतरों को देखते हुए उठाया गया है।
कनाडा के लोक सुरक्षा मंत्रालय (Public Safety Canada) की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि बिश्नोई गैंग हत्या, गोलीबारी, आगजनी, जबरन वसूली और धमकी जैसे गंभीर अपराधों में शामिल है। ऐसे समूहों को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संपत्ति जब्त करने का रास्ता साफ
इस फैसले के बाद अब कनाडा में गैंग की संपत्ति, बैंक खाते, वाहन और अन्य संसाधन जब्त किए जा सकेंगे। इसके साथ ही इस गिरोह से जुड़े लोगों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
कनाडा के मंत्री गैरी आनंदसांगरी ने कहा कि इस सूचीबद्धता से सरकार के पास अब “अधिक शक्तिशाली और प्रभावी उपकरण” होंगे ताकि संगठित अपराध और आतंक फैलाने वालों पर लगाम लगाई जा सके।
भारत-कनाडा सुरक्षा सहयोग का असर
ध्यान देने वाली बात यह है कि यह कदम भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नथाली ड्रोइन के बीच नई दिल्ली में हुई अहम बैठक के बाद सामने आया। बैठक में दोनों देशों ने अपराध और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने की सहमति जताई थी।
88 आतंकी संगठनों की सूची में शामिल
लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को आतंकी संगठन घोषित करने के साथ ही कनाडा की सूची में अब ऐसे संगठनों की संख्या बढ़कर 88 हो गई है। इससे पहले इस सूची में आईएसआईएस और खालिस्तानी संगठनों समेत कई कुख्यात समूह शामिल हैं।
बिश्नोई गैंग की पृष्ठभूमि
भारत में जेल के भीतर बंद लॉरेंस बिश्नोई का नाम कई हत्याओं, फिल्मी हस्तियों को धमकी और रंगदारी मांगने जैसी घटनाओं में सामने आ चुका है। हाल के वर्षों में इस गैंग के कनाडा और अन्य देशों में सक्रिय होने की रिपोर्ट भी सामने आई थी।
संभावित प्रभाव
- कनाडा में प्रवासी समुदायों को राहत मिलेगी क्योंकि संगठित अपराधियों पर कार्रवाई आसान होगी।
- भारत और कनाडा के बीच सुरक्षा और खुफिया सहयोग और मजबूत होगा।
- बिश्नोई गिरोह के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव और बढ़ेगा।






