आज पूरे देशभर में ईद मिलाद-उन-नबी (12वीं रबीउल अव्वल) का पर्व बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया। सुबह से ही मस्जिदों में नमाज और दुआओं का सिलसिला शुरू हुआ, वहीं जुलूस-ए-मोहम्मदी पूरे जोशो-खरोश के साथ निकाले गए। जगह-जगह सजे मंचों पर इस्लामी झंडे, रोशनी और सजावट ने त्योहार की रौनक बढ़ा दी।
राजधानी दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, पटना, लखनऊ, भोपाल, कोलकाता, रांची और श्रीनगर समेत देश के हर छोटे-बड़े शहरों में मुस्लिम समुदाय ने पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद (स.अ.व.) के जन्मदिन पर अमन, मोहब्बत और इंसानियत का पैगाम दिया।
जुलूस-ए-मोहम्मदी में दिखा जश्न का रंग
रंग-बिरंगे झंडे, ढोल-नगाड़े और नात-ए-पाक की गूंज से सड़कों का माहौल खुशनुमा हो गया। बच्चे-बुजुर्ग, औरत-मर्द सभी ने पारंपरिक परिधान पहनकर जुलूस में हिस्सा लिया। जगह-जगह मिठाई और शरबत के स्टॉल लगाए गए।
शांति और भाईचारे का संदेश
ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर उलेमा-ए-कराम ने तकरीर (भाषण) देते हुए कहा कि हज़रत मोहम्मद साहब का जीवन पूरी इंसानियत के लिए मिसाल है। उन्होंने मोहब्बत, बराबरी और भाईचारे का संदेश दिया। इस मौके पर गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक भी देखने को मिली, क्योंकि गैर-मुस्लिम भाईचारे ने भी मिलाद के जुलूसों और आयोजनों में शामिल होकर एकता का संदेश दिया।
प्रशासन ने की विशेष व्यवस्था
जुलूस और आयोजनों को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए। जगह-जगह पुलिस बल तैनात रहा, वहीं ट्रैफिक व्यवस्था को भी सुचारु रखा गया ताकि आम लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।
रात को जगमगाएगी रौनक
शाम ढलते ही मस्जिदों, इमामबारगाहों और घरों को रोशनी से सजाया गया। कई शहरों में रातभर महफ़िल-ए-मिलाद और नात-ख्वानी के कार्यक्रम होंगे।
👉 ईद मिलाद-उन-नबी का पर्व हमें यह याद दिलाता है कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं। मोहम्मद साहब ने सिखाया कि मोहब्बत और अमन से ही दुनिया में असली सुकून है।