अमेरिका के फ्लोरिडा हाईवे पर 12 अगस्त को हुए एक भीषण सड़क हादसे ने तीन लोगों की जान ले ली। इस हादसे में भारतीय मूल के 28 वर्षीय ट्रक ड्राइवर हरजिंदर सिंह पर वाहन से हत्या (Vehicular Homicide) का आरोप लगाया गया है। उन पर 45 साल तक की जेल सज़ा का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, उनके परिजन और पूरे गांव के लोग सज़ा में नरमी की मांग कर रहे हैं।
परिवार और गांव ने दिखाई एकजुटता
पंजाब के तरन तारन जिले के रतौल गांव के रहने वाले हरजिंदर की उम्र महज़ 28 साल है। परिजन का कहना है कि यह हादसा “बदकिस्मती” थी, कोई जानबूझकर की गई घटना नहीं। उनके रिश्तेदार दिलबाग सिंह ने कहा –
“परिवार सदमे में है। तीन लोगों की मौत दुखद है, लेकिन हादसे तो पहले भी होते रहे हैं। अगर 28 साल के युवक को 45 साल की सज़ा मिल जाएगी तो उसके परिवार का क्या होगा, आप सोच सकते हैं।”
गांव के सरपंच और बुजुर्गों ने भी अमेरिका सरकार से अपील की है कि हरजिंदर को कठोर सज़ा न दी जाए और मानवीय दृष्टिकोण से मामले को देखा जाए।
हादसे के बाद गिरफ्तारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हरजिंदर अपने ट्रक-ट्रेलर से हाईवे पर ग़ैरक़ानूनी यू-टर्न ले रहे थे, तभी यह टक्कर हुई और तीन लोगों की मौत हो गई। घटना के बाद वह कैलिफ़ोर्निया भाग गए, लेकिन बाद में उन्हें गिरफ्तार कर फ्लोरिडा लाया गया।
अमेरिका में नया विवाद
इस मामले के बाद अमेरिका में विदेशी ट्रक ड्राइवरों पर बहस छिड़ गई है। अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो ने सभी विदेशी ट्रक ड्राइवरों के वर्क वीज़ा रोकने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारी संख्या में विदेशी ड्राइवर अमेरिकी सड़कों पर लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं और अमेरिकी ट्रक चालकों की रोज़ी-रोटी छीन रहे हैं।
पंजाब से राजनीतिक दख़ल
शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अपील की है कि हरजिंदर को काउंसलर एक्सेस (कानूनी मदद) दिलाई जाए। उन्होंने कहा कि एक चालक की गलती की वजह से पूरे पंजाबी और सिख ट्रकिंग समुदाय को सज़ा देना अनुचित होगा।
उनका कहना था –
“अमेरिका की ट्रकिंग इंडस्ट्री में 20% पंजाबी और सिख ड्राइवर हैं। करीब 1.5 लाख सिख ड्राइवर अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। ऐसे में सामूहिक कार्रवाई करना भेदभावपूर्ण और नुकसानदेह होगा।”
ऑनलाइन मुहिम
हरजिंदर के समर्थन में चेंज डॉट ऑर्ग पर एक ऑनलाइन याचिका भी शुरू की गई है। “Collective Punjabi Youth” नामक संगठन ने इस याचिका में कहा है कि हादसा दुर्भाग्यपूर्ण था लेकिन जानबूझकर नहीं किया गया। अब तक 18 लाख से ज़्यादा लोग इस पर हस्ताक्षर कर चुके हैं और सज़ा में नरमी की मांग कर रहे हैं।




