गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच जंग और तेज हो गई है। गुरुवार रात इजरायली सेना ने गाजा सिटी समेत कई इलाकों पर भीषण बमबारी की, जिसमें अकेले गाजा सिटी में 16 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए। पूरे फलस्तीनी क्षेत्र में इजरायली हमलों में कुल 71 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
राहत केंद्र पर फायरिंग, महिलाओं और बच्चों की मौत
गाजा के दक्षिणी हिस्से में एक राहत वितरण केंद्र पर खाना लेने पहुंचे लोगों पर इजरायली फायरिंग की गई। इस हमले में चार लोगों की मौत हो गई और 27 लोग घायल हुए। बताया जा रहा है कि मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
अक्टूबर 2023 से अब तक 62 हजार मौतें
संयुक्त राष्ट्र और स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, अक्टूबर 2023 से शुरू हुई इस जंग में अब तक 62 हजार से ज्यादा फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है। मारे गए लोगों में अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। वहीं, खाद्य आपूर्ति बंद होने और दवाइयों की कमी से अब तक 317 लोग भूख और कुपोषण से मर चुके हैं, जिनमें 121 बच्चे शामिल हैं।
गाजा सिटी पर कब्जे की कोशिश
इजरायली सेना ने मंगलवार-बुधवार रात गाजा सिटी की सीमा में टैंकों के साथ प्रवेश किया और कई घरों को ध्वस्त कर दिया। इस दौरान कई इलाकों में इजरायली सेना और हमास लड़ाकों के बीच सीधी भिड़ंत हुई। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना की गीवाती ब्रिगेड और हमास की टुकड़ियों के बीच जबरदस्त संघर्ष हुआ है। इजरायल ने दावा किया है कि उसने हमास के शस्त्रागार को नष्ट कर दिया और संगठन को भारी नुकसान पहुंचाया।
हमास कमांडर ढेर, लेकिन कब्जा अभी अधूरा
इजरायली हवाई हमले में हमास कमांडर महमूद अल-असौद मारा गया है। इसके बावजूद घनी आबादी वाले गाजा सिटी पर इजरायली सेना अब तक पूरी तरह कब्जा नहीं कर पाई है। बताया जा रहा है कि जबालिया शरणार्थी क्षेत्र और गाजा सिटी के अंदरूनी हिस्सों पर अब भी हमास का नियंत्रण बरकरार है।
इजरायल की रणनीति और वैश्विक आलोचना
इजरायल सरकार ने इसी महीने घोषणा की थी कि वह गाजा सिटी पर स्थायी कब्जा करने के लिए जमीनी अभियान शुरू करेगी। हालांकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस योजना की कड़ी आलोचना की और चेतावनी दी कि इससे क्षेत्रीय अस्थिरता और बढ़ेगी। आलोचना के बावजूद इजरायली सेना ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
👉 कुल मिलाकर, गाजा पट्टी की जंग और ज्यादा खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुकी है। एक तरफ इजरायली सेना लगातार हमास के ढांचे को ध्वस्त करने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर आम नागरिकों की मौत और मानवीय संकट तेजी से गहराता जा रहा है।