मेदिनीनगर (पलामू)। शहर की शाम गुरुवार को अचानक खामोश हो गई, जब टेढ़वा पुल श्मशान घाट के पास एक नवजात का कटा सिर मिलने की खबर फैली। देखते ही देखते पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। हवा में डर, सन्नाटा और सवाल तैरने लगे—आख़िर कौन इस दरिंदगी को अंजाम दे सकता है?
शहर थाना प्रभारी ज्योतिलाल रजवार के नेतृत्व में पुलिस दल तत्काल मौके पर पहुंचा। श्मशान के पास झाड़ियों में पड़े उस कटे सिर को बरामद किया गया। लेकिन सिर मिलने के बाद भी धड़ का कोई सुराग नहीं मिला, जिससे घटना और रहस्यमयी हो गई है।
🔍 पुलिस जांच और शक की दिशाएं
पुलिस ने आसपास के इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। बरामद सिर करीब तीन से चार दिन के नवजात का बताया जा रहा है, जो या तो किसी अस्पताल या घर में हाल ही में जन्मा होगा। इस आधार पर पुलिस अब शहर और आसपास के सभी अस्पतालों, नर्सिंग होम और दाई केंद्रों के रिकॉर्ड खंगाल रही है, ताकि यह पता चल सके कि पिछले कुछ दिनों में किन परिवारों में जन्म हुआ और कहीं कोई बच्चा लापता तो नहीं है।
थाना प्रभारी ज्योतिलाल रजवार ने बताया,
“हम सभी कोणों से जांच कर रहे हैं। यह मामला जितना संवेदनशील है, उतना ही रहस्यमयी भी। अभी किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाज़ी होगी, लेकिन बलि या अंधविश्वास से जुड़ी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।”
💀 श्मशान घाट के पास से मिला सिर, बढ़ी अंधविश्वास की आशंका
घटनास्थल श्मशान घाट से महज कुछ कदमों की दूरी पर है। ग्रामीणों और स्थानीय लोगों के बीच चर्चा है कि यह घटना किसी काला जादू या बलि प्रथा से जुड़ी हो सकती है। इलाके में पहले भी अंधविश्वास से जुड़ी घटनाएं सामने आती रही हैं, लेकिन नवजात के इस रूप में बरामदगी ने मानवता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एक स्थानीय निवासी ने कहा,
“श्मशान के पास सिर मिलना कोई सामान्य बात नहीं है। यह इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना है। अगर यह बलि से जुड़ा मामला है, तो यह समाज के लिए बेहद खतरनाक संकेत है।”
⚖️ पुलिस की प्राथमिक कार्रवाई
पुलिस ने बरामद सिर को सुरक्षित रख लिया है और धड़ की तलाश जारी है। जैसे ही धड़ मिलता है, शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इसके बाद एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि फॉरेंसिक जांच से ही यह साफ़ हो पाएगा कि हत्या कैसे और कब की गई।
🕯️ शहर में डर और चर्चा
टेढ़वा पुल और उसके आसपास के इलाकों में भय और जिज्ञासा का माहौल है। लोगों की भीड़ मौके पर जुट रही है, लेकिन पुलिस ने इलाके को घेर कर जांच जारी रखी है। सोशल मीडिया पर भी यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बन गई है, बल्कि अंधविश्वास और कुरीतियों के खिलाफ समाज की चुप्पी पर भी सवाल उठाती है।




